1. दुआ कोन सी थी हमें याद नहीं,
बस इतना याद है दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी..
2. तेरी बेरूखी का अंजाम एक दिन यही होगा,
आखिर भूला ही देंगे…तुझे याद करते करते..
3. लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ,
ऐ खुदा एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला..