1. बारिश भी नाराज है आजकल हमारे शहर में,
सुना है.. वो छत पे भीगने नही आते..
2. मैं नाराज़गी में बात करना छोड़ सकता हूँ,
मगर मुहोब्बत करना नही छोड़ सकता..
3. कुछ वक़्त खामोश हो के देखा,
लोग सच में भूल जाते हैं..
1. बारिश भी नाराज है आजकल हमारे शहर में,
सुना है.. वो छत पे भीगने नही आते..
2. मैं नाराज़गी में बात करना छोड़ सकता हूँ,
मगर मुहोब्बत करना नही छोड़ सकता..
3. कुछ वक़्त खामोश हो के देखा,
लोग सच में भूल जाते हैं..