1. हद से बढ़ जाये ताल्लुक़ तो गम मिलते हैं,
हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते हैं..
2. जो एक गुलाब उसने दिया था मेरे हाथ में,
सूखा हुआ भी वो गुलाब पूरे गुलशन पे भारी था..
3. कभी मतलब के लिए तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई मोहब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए..