Zindagi Shayari on Hamari Bebasi

कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी..

2 thoughts on “Zindagi Shayari on Hamari Bebasi”

  1. पहले वो मेरी गर्लफ्रेंड थी,
    मैं बोलता था और वो सुनती थी,

    फिर वो मेरी मंगेतर बनी,
    वो बोलती थी और मैं सुनता था,

    जब से वो मेरी बीवी बनी,
    हम दोनों बोलते हैं,
    और, मोहल्ला सुनता है!!

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