तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई;
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई;
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने;
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई!
तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई;
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई;
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने;
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई!
Wah wah, kamal shayari hai, thanks
kamal ki syaari hai yaar
nice post and syaari
How are you brather
Wah kya shayari likhi hai. share karne ke liye shukriya