1. मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले..
2. नफरत करना तो कभी सिखा ही नही,
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझकर..
3. मैंने समुन्दर से सीखा है जीने का सलीका,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना..
1. मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले..
2. नफरत करना तो कभी सिखा ही नही,
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझकर..
3. मैंने समुन्दर से सीखा है जीने का सलीका,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना..
nice and better
nice
Very nice young
kalpesh patel