1. गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर,
ज़िन्दगी ने वफ़ा कि तो कल फिर सिलसिले होंगे..
2. कुछ ऐसी मोहहब्बत उसके दिल में भर दे ऐ खुदा ,
के वो जिसे भी चाहे वो मैं बन जाऊ..
3. तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं..
1. गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर,
ज़िन्दगी ने वफ़ा कि तो कल फिर सिलसिले होंगे..
2. कुछ ऐसी मोहहब्बत उसके दिल में भर दे ऐ खुदा ,
के वो जिसे भी चाहे वो मैं बन जाऊ..
3. तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं..