1. एक जैसे दोस्त सारे नही होते, कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ, कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते ..
2. न जाने सालों बाद कैसा समां होगा, हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे, जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे ..
3. शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये जीवन के वो हसीं पल मिल जाये,
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ..
रहने दो दुर कुछ पल ये प्यार मोहब्बत के किस्से,
क्यो ना आज चाय पर कुछ दोस्तों के चर्चे हो जाए.
योगेश शुक्ला.
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