Dard Bhari Shayari on Shabd aur Khamoshi

तुम शब्दों की जादूगर हो,
मै ख़ामोशी का सौदागर हू,
तुम ने जब चाहा, जो चाहा, कह दिया,
मै हर बार, हर बात हंस कर सह गया।

Dard Bhari Shayari

एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की,
मैने पल पल कोशिश उसके की पास जाने की,
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,
दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की..