अपनी तो मोहब्बत की यही कहानी है,
टूटी हुई कश्ती ठहरा हुआ पानी है,
एक फूल किताबोँ मेँ दम तोड़ चुका है,
मगर याद नहीँ आता ये किसकी निशानी है..
अपनी तो मोहब्बत की यही कहानी है,
टूटी हुई कश्ती ठहरा हुआ पानी है,
एक फूल किताबोँ मेँ दम तोड़ चुका है,
मगर याद नहीँ आता ये किसकी निशानी है..