प्यार.. महज़ एक लफ़्ज़ नहीं,
अनगिनत जज़्बातों का इक समन्दर है,
वक़्त बे वक़्त अपनी लहरों से डराता भी है,
और आज़माता भी है, हाँ ये प्यार ऐसा ही है..
प्यार.. महज़ एक लफ़्ज़ नहीं,
अनगिनत जज़्बातों का इक समन्दर है,
वक़्त बे वक़्त अपनी लहरों से डराता भी है,
और आज़माता भी है, हाँ ये प्यार ऐसा ही है..