Love Poem in Hindi on Tere Jaisa Yaar

दूर दूर रह कर भी हम कितने करीब हैं,
हमारा रिश्ता भी जाने कितना अजीब है,
बिन देखे ही तेरा यूँ मोहब्बत करना मुझसे,
बस तेरी यही चाहत ही तो मेरा नसीब है,
पर जिसे प्यार ही ना मिला हो किसी का,
वो बदकिस्मत भी यहाँ कितना गरीब है,
और जिसे मिल गया हो तेरे जैसा यार यहाँ,
वो शख्स भी मेरे जैसा ही खुशनसीब है..

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