Lines By Rahat Indori Saahab

1. जवानियों में जवानी को धुल करते है,
जो लोग भूल नहीं करते भूल करते है,
अगर अनारकली सबब है बगावत ए इश्क़ का,
तो सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते है ।

2. राज़ जो कुछ हो इशारों में बता देना,
हाथ जब उससे मिलाओ दबा भी देना,
नशा वेसे तो बुरी शे है, मगर
“राहत” से सुननी हो तो थोड़ी सी पिला भी देना..

3. नयी हवाओं को सोहबत बिगाड़ देती हैं,
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं..

4. उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब,
चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब,
जिस दिन से तुम रूठीं,मुझ से, रूठे रूठे हैं,
चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सब,
मुझसे बिछड़ कर, वह भी कहां अब पहले जैसी है,
फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब..

5. तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो
मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो
फूलो की दुकाने खोलो, खुशबु का व्यापर करो
इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो..

6. जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे,,
में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो द,
तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव,
में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे..

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