पापा की परी , परिवार की मुस्कान हूँ मैं,
सारा दिन दुनिया में बेफिक्र होकर उड़ती हूँ मैं,
लेकिन शाम होने के बाद जब याद सबकी आती है,
घर पहुंचकर ही खुदको मेहफ़ूज़ पाती हूँ मैं..
पापा की परी , परिवार की मुस्कान हूँ मैं,
सारा दिन दुनिया में बेफिक्र होकर उड़ती हूँ मैं,
लेकिन शाम होने के बाद जब याद सबकी आती है,
घर पहुंचकर ही खुदको मेहफ़ूज़ पाती हूँ मैं..