याद ऐसा करो की कोई हद न हो,
भरोसा इतना करना की शक न हो और,
इंतेज़ार इतना करो की कोई वक़्त न हो,
दोस्ती ऐसी करो की कभी नफरत न हो..
याद ऐसा करो की कोई हद न हो,
भरोसा इतना करना की शक न हो और,
इंतेज़ार इतना करो की कोई वक़्त न हो,
दोस्ती ऐसी करो की कभी नफरत न हो..