जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है,
और जिन्दगी की हर शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है,
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं, हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही, मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं..
जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है,
और जिन्दगी की हर शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है,
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं, हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही, मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं..