कभी आसूं तो कभी खुशी देखी..
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..
उनकी नाराजगी को हम क्या समझे..
हमने खुद कि तकदीर की बेबसी देखी…
कभी आसूं तो कभी खुशी देखी..
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..
उनकी नाराजगी को हम क्या समझे..
हमने खुद कि तकदीर की बेबसी देखी…