1. जिसे पा नही सकते..
उसे सोचकर ही खुश होना ‘इश्क’ हैं..
2. कभी सोचता हूँ की सारे हिसाब चुकता कर आउ,
लेकिन फिर ख्याल आता है कि आसुओ की कीमत लाख गुना अधिक होती है..
3. ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है,
कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..
1. जिसे पा नही सकते..
उसे सोचकर ही खुश होना ‘इश्क’ हैं..
2. कभी सोचता हूँ की सारे हिसाब चुकता कर आउ,
लेकिन फिर ख्याल आता है कि आसुओ की कीमत लाख गुना अधिक होती है..
3. ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है,
कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..
THIS SHAYARI IS VERY GOOD
Hi Dear Love