1. जितना हीं मेरा मिज़ाज है सादा,
उतने हीं मुझे उलझे हुए लोग मिले..
2. ख्वाब सा था साथ तुम्हारा,
ख्वाब बन के रह गया..
3. रोज़ रोज़ गिर कर मुकम्मल खड़ा हूँ,
ज़िन्दगी देख में तुझसे कितना बड़ा हूँ..
1. जितना हीं मेरा मिज़ाज है सादा,
उतने हीं मुझे उलझे हुए लोग मिले..
2. ख्वाब सा था साथ तुम्हारा,
ख्वाब बन के रह गया..
3. रोज़ रोज़ गिर कर मुकम्मल खड़ा हूँ,
ज़िन्दगी देख में तुझसे कितना बड़ा हूँ..