1.जरा सी जगह छोड देना अपनी नीदो मै,
क्योकि आज रात तेरे ख्बाबो मै हमारा बसेरा होगा..
2.छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते,
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते..
3.मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है,
दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है..
क्या मतलब फिर ऐसे रिशतों का जिनके नाम नही हुआ करते।
बस यूंही किसी को बेचैन और बदनाम करते है।