1. जबरदस्ती मत मांगना साथ कभी ज़िन्दगी में किसी का,
कोई ख़ुशी से खुद चलकर आये उसकी ख़ुशी ही कुछ और होती है..
2. दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ,
राख के नीचे आग दबी होती है..
3. करनी है तो दर्द की साझेदारी कर ले,
मेरी खुशियों के तो दावेदार बहुत हैँ..
1. जबरदस्ती मत मांगना साथ कभी ज़िन्दगी में किसी का,
कोई ख़ुशी से खुद चलकर आये उसकी ख़ुशी ही कुछ और होती है..
2. दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ,
राख के नीचे आग दबी होती है..
3. करनी है तो दर्द की साझेदारी कर ले,
मेरी खुशियों के तो दावेदार बहुत हैँ..