1. खुशियों की चाह थी वहां बे-हिसाब ग़म निकले,
बेवफा तू नहीं सनम बद-नसीब तो हम निकले..
2. अगर वो पूछ लें हमसे कहो किस बात का ग़म है,
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ लें हमसे..
3. मै तो फना हो गया उसकी एक झलक देखकर ,
ना जाने हर रोज़ आईने पर क्या गुजरती होगी..
Very nice shayari. .