ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है..
ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है..
रजनी
Rajiv kumar vill bisahiya p.s ariyari dist.sheikhpura post sanaiya