1. हमनें हाथ फैला कर इश्क मांगा था,
सनम ने हाथ चूमकर जान निकाल दी..
2. जानते हो मेरे लिए” क्या हो तुम”,
मेरी मुद्दतों की तलाश पर पूर्ण विराम हो..
3. है इश्क तो फिर असर भी होगा,
जितना है इधर , उधर भी होगा..
1. हमनें हाथ फैला कर इश्क मांगा था,
सनम ने हाथ चूमकर जान निकाल दी..
2. जानते हो मेरे लिए” क्या हो तुम”,
मेरी मुद्दतों की तलाश पर पूर्ण विराम हो..
3. है इश्क तो फिर असर भी होगा,
जितना है इधर , उधर भी होगा..
काश तू मुझसे बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे
जब मै रुठु तो तू मुझे मना ले !
————
अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का,
कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है!
————
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,
कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!!
————
ये तो इश्क़ का कोई लोकतंत्र नहीं होता,
वरना रिश्वत देके तुझे अपना बना लेता!!