वो नज़र कहाँ से लाऊँ जो तुम्हे भुला दे,
वो दवा कहाँ से लाऊँ जो इस दर्द को मिटा दे,
मिलना तो लिखा रहता है तक़्दीरों में,
पर वो तक़दीर कहाँ से लॉन जो हम दोनों को मिला दे..
वो नज़र कहाँ से लाऊँ जो तुम्हे भुला दे,
वो दवा कहाँ से लाऊँ जो इस दर्द को मिटा दे,
मिलना तो लिखा रहता है तक़्दीरों में,
पर वो तक़दीर कहाँ से लॉन जो हम दोनों को मिला दे..