मैंने कब कहा तू मुझे गुलाब दे,
या फिर अपनी मोहब्बत से नवाज़ दे,
आज बहुत उदास है मन मेरा,
गैर बनके ही सही तू बस मुझे आवाज़ दे..
मैंने कब कहा तू मुझे गुलाब दे,
या फिर अपनी मोहब्बत से नवाज़ दे,
आज बहुत उदास है मन मेरा,
गैर बनके ही सही तू बस मुझे आवाज़ दे..