तेरे इंतज़ार में यह नज़रें झुकी हैं,
तेरा दीदार करने की चाह जगी है,
न जानूँ तेरा नाम, न तेरा पता,
फिर भी न जाने क्यों इस पागल दिल में एक अज़ब सी बेचैनी जगी है..
तेरे इंतज़ार में यह नज़रें झुकी हैं,
तेरा दीदार करने की चाह जगी है,
न जानूँ तेरा नाम, न तेरा पता,
फिर भी न जाने क्यों इस पागल दिल में एक अज़ब सी बेचैनी जगी है..