मैं ख्वाहिश की बंदिश में नहीं बंधा,
ना मेरी कोई चाहत ज़्यादा है,
जीने के लिए मुझे बस तेरी ज़रूरत,
खुद की ज़िन्दगी से भी ज़्यादा है..
मैं ख्वाहिश की बंदिश में नहीं बंधा,
ना मेरी कोई चाहत ज़्यादा है,
जीने के लिए मुझे बस तेरी ज़रूरत,
खुद की ज़िन्दगी से भी ज़्यादा है..