मेरी किसमत के हीरों का तुम इक ताज बन जाओ,
कल की बात छोडो तुम मेरा आज बन जाओ,
मै तो रोज करता हू मुहोब्बत डूब कर तुम से,
मेरी इक बात मानो तुम मेरे हमराज़ बन जाओ..
मेरी किसमत के हीरों का तुम इक ताज बन जाओ,
कल की बात छोडो तुम मेरा आज बन जाओ,
मै तो रोज करता हू मुहोब्बत डूब कर तुम से,
मेरी इक बात मानो तुम मेरे हमराज़ बन जाओ..