Hindi Shayari on Zindagi kaisi hai

वो वक़्त ना जाने क्यों बेसहारा था ,
अन्धेरो में उम्मीदो ने दिया सहारा था ,
जैसे डुबते हुए नाव को मिला कोई किनारा था ,
ज़िन्दगी का सार अब जा कर समझ आया था।

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