अब न ख्व़ाबों से, ख़िलौनों से, बहल पाऊँगा,
वक़्त गुम हो गया, मुझसे मेरा बचपन लेकर
—-
जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया…
एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया…!
—-
मुझे अपने लफ़्जो से आज भी शिकायत है,
ये उस वक़त चुप हो गये जब इन्हें बोलना था…
अब न ख्व़ाबों से, ख़िलौनों से, बहल पाऊँगा,
वक़्त गुम हो गया, मुझसे मेरा बचपन लेकर
—-
जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया…
एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया…!
—-
मुझे अपने लफ़्जो से आज भी शिकायत है,
ये उस वक़त चुप हो गये जब इन्हें बोलना था…
Wo Kisi ki Dil Lagi ko Saza Samjne Laga
Do pal Roth k Guzare to Jafa Samjne Laga
Wo kia jane k hum ktna roye unke Baghair
Wo Baghair soche smje muje bewfa Samjne Laga.
heart touching@@
kasur to mera itna hi tha ki unko hamne jaan se bhi jyada chaha tha
Mil hi jaye ga Hume bhi koi toot ke chahane wala ab Sher ka Sher bewafa to nhi ho sakta