तेरी आँखो को किस की जुस्तजू है,
क्यू शाम से चरागँ जला के बेठे हो,
ये रात महक जाती है फूलो की मानिंद,
किस फरिश्ते को गले लगा के बेठे हो..
तेरी आँखो को किस की जुस्तजू है,
क्यू शाम से चरागँ जला के बेठे हो,
ये रात महक जाती है फूलो की मानिंद,
किस फरिश्ते को गले लगा के बेठे हो..
superrrr