हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये..
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये..
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..
सूरज मुखी के फूल की तरह धूप लगे बिना खिल न सके
हम नदी के किनारों की तरह साथ रह कर भी मिल न सके
तुम्हें पा न सका ये मेरा नसीब था शायद इसलिए न पा सका
क्योंकि मैं बहुत ही गरीब था
चलो मर्जी खुदा तेरी है
यहीं किस्मत लिखी खुदा मेरी है।
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये..
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..