अपना ही बजूद बचाती है परछाई मेरी,
दर्द में बहुत मुस्कुराती है तन्हाई मेरी,
शिद्दत- ए- इश्क ने ये हाल किया हैं मेरा,
नब्ज़ चलती है तो दुखती हैं कलाई मेरी..
अपना ही बजूद बचाती है परछाई मेरी,
दर्द में बहुत मुस्कुराती है तन्हाई मेरी,
शिद्दत- ए- इश्क ने ये हाल किया हैं मेरा,
नब्ज़ चलती है तो दुखती हैं कलाई मेरी..