बहुत बिखरा बहुत टूटा , थपेड़े सेह नहीं पाया,
हवाओं के इशारे पर मगर मैं बह नहीं पाया ,
अधूरा अनसुना ही रह गया यूँ प्यार का किस्सा,
कभी तुम सुन नहीं पाए , कभी में कह नहीं पाया ..
बहुत बिखरा बहुत टूटा , थपेड़े सेह नहीं पाया,
हवाओं के इशारे पर मगर मैं बह नहीं पाया ,
अधूरा अनसुना ही रह गया यूँ प्यार का किस्सा,
कभी तुम सुन नहीं पाए , कभी में कह नहीं पाया ..