ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,
तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ,
बस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नहीं लगता,
मैं नेकी कर तो देता हूँ, जताना भूल जाता हूँ..
साथ देगी सारी कायनात तुम्हे मिलाने में
राहे- उल्फत का ये दस्तूर है ज़माने में
उसकी खुशियों दुआ माँगोगे तुम
इस तरीके- उल्फत पे रब भी निसार हो जाएगा.
http://www.hindisuccess.com/2016/06/pyar-sachcha-jab-tumhe-ho-jayega-true-love-poem-in-hindi.html
Good point. I hadn’t thughot about it quite that way. 🙂