तेरी यादं का चंदन जब से मला हे तन पे
मेरी आस्तीन मे कितने साप पल गये
तुझे नज़र भर के देखना मेरा गुनहां था
इश्क की आँच से मेरे सारे हाथ जल गये
तेरी यादं का चंदन जब से मला हे तन पे
मेरी आस्तीन मे कितने साप पल गये
तुझे नज़र भर के देखना मेरा गुनहां था
इश्क की आँच से मेरे सारे हाथ जल गये