कौन कहता है की अलग -अलग रहते है,
हम और तुम हमारी यादो के सफर मे,
हम सफर हो तुम ज़िन्दगी से बेखबर हो तुम,
हमारे दिल मे बसी इस कदर हो तुम..
कौन कहता है की अलग -अलग रहते है,
हम और तुम हमारी यादो के सफर मे,
हम सफर हो तुम ज़िन्दगी से बेखबर हो तुम,
हमारे दिल मे बसी इस कदर हो तुम..
This sayri is very nice