1. तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है,
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती..
2. ये कैसा सिलसिला है, तेरे और मेरे दरमियाँ,
फ़ासले भी बहुत हैं और मुहब्बत भी..
3. दुनिया के जो मज़े हैं वह कभी कम न होंगे,
चर्चे यूं ही रहेंगे पर अफ़सोस हम न होंगे..
1. तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है,
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती..
2. ये कैसा सिलसिला है, तेरे और मेरे दरमियाँ,
फ़ासले भी बहुत हैं और मुहब्बत भी..
3. दुनिया के जो मज़े हैं वह कभी कम न होंगे,
चर्चे यूं ही रहेंगे पर अफ़सोस हम न होंगे..
such a very true fact about a life……
k.s.p