1. कह गई थी वो कभी ना आऊँगी,
रात में रोज़ आ जाती है ख्वाबों मेँ..झूठी कहीँ की..
2. सिर्फ मेरा नाम लेकर रह गई,
आज वो जाने-अनजाने बहोत कुछ कह गई..
3. तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..
1. कह गई थी वो कभी ना आऊँगी,
रात में रोज़ आ जाती है ख्वाबों मेँ..झूठी कहीँ की..
2. सिर्फ मेरा नाम लेकर रह गई,
आज वो जाने-अनजाने बहोत कुछ कह गई..
3. तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..
nice