जज़्बात बहकता है, जब तुमसे मिलती हूँ,
अरमां मचलता है, जब तुमसे मिलती हूँ,
हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं,
दिल से दिल मिलते हैं, जब तुमसे मिलती हूँ..
जज़्बात बहकता है, जब तुमसे मिलती हूँ,
अरमां मचलता है, जब तुमसे मिलती हूँ,
हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं,
दिल से दिल मिलते हैं, जब तुमसे मिलती हूँ..