तेरी चुप्पी का सबब हम जानते है ,
लरज़ते होंठों की शिकायत हम जानते है ,
मेरी हिचकी भी दे रही है गवाही मुहब्बत की,
तेरे पलकों की हरकत भी हम जानते है ।
तेरी चुप्पी का सबब हम जानते है ,
लरज़ते होंठों की शिकायत हम जानते है ,
मेरी हिचकी भी दे रही है गवाही मुहब्बत की,
तेरे पलकों की हरकत भी हम जानते है ।
meshar se ye maikhana bhr do, jaam se mera paimana bhr do, madhosi me hi rahein nazar aati h, koi to in raho ko v maikhana krdo, meshar se ye maikhana bhr do, jaam se mera paimana bhr do.