आंखो को जब किसी की चाहत हो जाती हे,
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती हे,
केसे भूल सकता हे कोई किसी को,
जब किसी को किसी की आदत हो जाती हे..
आंखो को जब किसी की चाहत हो जाती हे,
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती हे,
केसे भूल सकता हे कोई किसी को,
जब किसी को किसी की आदत हो जाती हे..
sahi hai bhai jis ne bhi likha hai us ko meri taraf se dher sari subh kamnaye us ka pyaar hamesha us ke paas ho