मै तो ईमान के साये मे हु पलने वाला,
उनकी नफरत की साजिश से न डरने वाला ।
मै तो जुगनू हु जहा चाहो वहा साथ रखो
मै वो सुरज नही हू रात को ढलने वाला ॥
मै तो ईमान के साये मे हु पलने वाला,
उनकी नफरत की साजिश से न डरने वाला ।
मै तो जुगनू हु जहा चाहो वहा साथ रखो
मै वो सुरज नही हू रात को ढलने वाला ॥