गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,
रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,
दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे..
गजलों का हुनर साकी को सिखाएंगे,
रोएंगे मगर आंसू नहीं आएंगे,
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं,
दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे..
nice
Nice
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं।