कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे,
कि दद॔ का बवंडर अब संभाला नही जाता,
कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,
कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता..
कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे,
कि दद॔ का बवंडर अब संभाला नही जाता,
कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,
कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता..