प्यार कोई दीया नहीं,जब चाहा जला दिया बुझा दिया,
ये बालू का महल नहीं,जब चाहा बना लिया मिटा दिया,
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है,
ये बच्चों का खेल नहीं,जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया ..
प्यार कोई दीया नहीं,जब चाहा जला दिया बुझा दिया,
ये बालू का महल नहीं,जब चाहा बना लिया मिटा दिया,
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है,
ये बच्चों का खेल नहीं,जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया ..