कहाँ वो नई गहिरायाँ हसने -हँसाने में,
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में ,
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे ,
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में
कहाँ वो नई गहिरायाँ हसने -हँसाने में,
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में ,
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे ,
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में