1. मैं ज़हर तो पी लूँ शौक से तेरी खातिर,
मगर शर्त ये है कि, तुम सामने बैठ कर साँसों को टुटता देखो।
2. हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया,
एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं।
3. भला कौन इस दिल की इतनी देख-भाल करे ,
रोज़ रोज तो इसके किस्मत में टूटना ही लिखा है ।