1. बदलते लोग,बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,
चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है..
2. तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम बोलो,
बस चंद लकीरों में छिपे अधूरे से कुछ किस्से हैं..
3. सख़्त हाथों से भी छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ,
रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज़ से थामे जाते हैं..